आजकल वह ढूंढ़े नहीं मिलता; कभी बैठा करता था। आजकल वह ढूंढ़े नहीं मिलता; कभी बैठा करता था।
इश्क के मारों को कहीं करार नहीं मिलता बेख़बर हुए ज़माने के रंगे महफिलों से । इश्क के मारों को कहीं करार नहीं मिलता बेख़बर हुए ज़माने के रंगे महफिलों से ...
अनुभव किताबों में लिखता हूँ हर दिन अजनबी से मिलता हूँ अनुभव किताबों में लिखता हूँ हर दिन अजनबी से मिलता हूँ
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस
इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते हैं रास्ता इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते ...